कबीरमय हुई काशी तो सुरों की बही सरिता, महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल में कबीर काव्य और दर्शन की अभिव्यक्ति

गणेश घाट के गुलेरिया कोठी में शुक्रवार को महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल के चौथे संस्करण का शुभारंभ शुक्रवार की शाम राहुल और रोहित मिश्रा की जुगलबंदी से हुआ। खयाल, ठुमरी, दादरा, चैती, कजरी, होरी आदि रागों पर आधारित भजनों और गीतों की संगीतमय प्रस्तुति के साथ पर हुई। उन्होंने विभिन्न रागों में कबीर भजनों ‘भुला लोग कहे घर मेरा’, ‘चदरिया झीनी रे झीनी’, ‘उड़ जाएगा हंस अकेला’, ‘मेरे को कहां ढूंढे बंदे’ जैसी प्रस्तुति देकर शाम को कबीरमय कर दिया।

 

राहुल और रोहित मिश्रा ने शास्त्रीय संगीत के विभिन्न रूपों के माध्यम से कबीर की शिक्षाओं का प्रदर्शन किया। महिंद्रा ग्रुप और टीमवर्क आर्ट्स की संयुक्त संकल्पना, ‘महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल’ दो दिन तक चलेगा। नामी-गिरामी कलाकार सुबह व शाम को आयोजित संगीत, सांस्कृतिक और साहित्यिक सत्रों के माध्यम से ‘हर भाव में कबीर’ का दर्शन कराएंगे। इसमें बनारस की विरासत को देखने-समझने का अवसर मिलेगा। इसमें खानपान, स्थान समेत बनारसीपन को सहेजने और इसका अहसास कराने की भी कोशिश की गई है।

इसमें नीरज आर्य कबीर कैफे, नीरज मिश्रा और उज्जवल नागर जैसे युवा कलाकारों के साथ ही मंझे हुए गीतकार ओम प्रकाश नायक, मूरालाला मारवाडा, शबनम विरमानी और जाने-माने सारंगी वादक उस्ताद कमाल साबरी भी प्रस्तुति देंगे। लोक प्रसिद्ध मेघवाल गायक मूरालाला मारवाड़ा की दिलकश आवाज और लोक संगीत कबीर कैफे के फ्यूजन से ताल मिलाएगा। तीन-बार ग्रैमी नॉमिनी पं. अजय शंकर प्रसन्ना दूसरे अनुभवी कलाकारों के साथ ‘बांसुरी वादन’ करेंगे।

साहित्यिक मंथन में, प्रसिद्ध लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल श्रोताओं को कबीर के कार्य और दर्शन के बारे में बताएंगे। जश्न-ए-कलम के सह-संस्थापक और अभिनेता, केसी शंकर एक विशेष सत्र में कहानीकार की भूमिका निभाएंगे। फेस्टिवल में आप ‘हेरिटेज वाक’ के माध्यम से बनारस की अद्भुत और रहस्यमयी सांस्कृतिक धरोहर की सैर का आनंद भी ले सकेंगे। ‘कला प्रकाश’ से स्थानीय कलाकार सितार वादक नीरज मिश्र और बांसुरी वादक राकेश कुमार भी प्रस्तुति देंगे। महिंद्रा ग्रुप के कल्चरल आउटरीच, वाईस प्रेसिडेंट जय शाह ने कहा कि खुशी की बात है कि महिंद्रा समूह द्वारा काशी में चौथे वर्ष फेस्टिवल का शुभारंभ किया।

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