रिश्तों को जोड़ने का भावनात्मक प्रयास, पैगाम2023-नुक्क्ड़ नाटक श्रृंखला

23 अक्टूबर 2023 लखनऊ:

रिश्ते हमारे जीवन के अभिन्न हिस्से होते है ,जो हमें एक दुसरे से भावनात्मक धागों से बांधें रखते है . जो आज इस सदी में धीरे धीरे दुनिया के चकाचौंध और आधुनिकरण में खोते जा रहे है. इन्ही रिश्तों के अहसास को जगाने और दिखाने, नुक्कड़ के रूप में वी यंगस्टर्स फाउंडेशन द्वारा नुक्क्ड़ नाटक प्रतियोगिता शृंखला पैग़ाम 23 “रिश्तों की आज़ादी” का आयोजन हुआ.
नुक्क्ड़ नाटक की प्रतियोगिता शृंखला पैग़ाम 23 वी यंगस्टर्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित की जाती है, कार्यक्रम की शुरुवात लखनऊ के शीरोज़ हैंगऑउट कैफ़े में प्री राउंड के साथ हुई जिसके बाद 15 से 20 अक्टूबर को सेमी फाइनल्स राउंड हुए। कार्यक्रम में लखनऊ के विभिन्न विश्विद्यालय व शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थी भाग लेते है। नुक्क्ड़ नाटक के इस वर्ष की विषय “रिश्तों की आज़ादी” रखी गयी।
लखनऊ स्थित लोहिया पार्क के रंगमंच में पैगाम 23 का फाइनल राउंड पूर्ण हुआ जिसमें आईटी गर्ल्स कॉलेज, बीबीडी यूनिवर्सिटी, जीसीआरजी एवं नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड एनजीओ के बच्चों द्वारा नुक्क्ड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति श्री ए आर मसूदी जी, वरिष्ठ न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ कार्यक्रम में मौजूद रहे। विशेष अतिथियों के रूप में सेवा निवृत न्यायमूर्ति श्री के एस राखरा, माननीय न्यायमूर्ति श्री महेंद्र दयाल वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आई बी सिंह, श्री जे एन माथुर, श्री अभिनव एन त्रिवेदी, श्री अनिल प्रताप सिंह, बॉलीवुड के अभिनेता डॉ अनिल रस्तोगी जी, पुनीत अस्थाना जी, आतमजीत सिंह जी, रजा अवस्थी, अंशुमाली टंडन जी. वरुण टम्टा जी, महेंद्र चंद्र देवा मौजूद रहें।

कार्यक्रम के सहयोगी AU Small Finance Bank जो 28 वर्ष पुराना प्रतिष्ठान और 22 राज्यों में कार्यरत है, की भी गरिमामय उपस्थिति रही.

नुक्कड़ नाटक को प्रतियोगिता के रूप में समाज के बीच में ले जाने की वजह सिर्फ यही है कि इससे बेहतर समाज के बीच में जागरूकता लाने का माध्यम नहीं हो सकता लेकिन वर्तमान समय में नुक्कड़ नाटक महज कुछ सरकारी योजनाओँ के प्रचार का माध्यम मात्र रह गया है इसे विलुप्त होने से बचाने और समाज के प्रति युवा पीढ़ी को सवेंदनशील बनाने का प्रयास है |
हर रिश्ते को सजोने और अहसास कराने का एक छोटा सा प्रयास वो चाहे माँ-बाप, पति-पत्नी, दोस्त या समाज से जुड़े रिश्ते हो . सभी को अपनी मर्यादा और भावनात्मक पहलुओं को दिखाने और अहसास कराने की कोशिश है.

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